<no title>एक सुंदर लड़की और गुप्ता जी में अफेयर चल रहा था....!बात शादी तक पहुंचने वाली थी इससे पहले ही ??? एक दिन दोनो पार्क में बैठे हुए थे कि.... लडकी ने पुछा- क्या तुम्हारे पास मारूति कार है ? गुप्ता जी - नहीं...! लडकी - क्या तुम्हारे पास फ्लैट है ? गुप्ता जी - नहीं...! लडकी - क्या तुम्हारे पास नौकरी है ? गुप्ता जी - नहीं...! और.... फिर..... ब्रेक अप....!! इधर....प्रेमिका के इस तरह चले जाने से गुप्ता जी उदास हो गए और सोचने लगे कि.... जब मेरे पास पाँच-पाँच BMW कार हैं ... तो, मुझे भला मारूति की क्या जरूरत है ? जब, मेरे पास खुद का इतना बडा बंगला है तो मुझे फ्लैट की क्या जरुरत है ???? और... जब, मेरे पास 500 करोड टर्नओवर का अपना बिजनेस है और 400 लोग मेरे यहाँ नौकरी करते है तो फिर मुझे नौकरी की क्या जरूरत ???? आखिर, वो मुझे क्यों छोड गयी ??? इसीलिए.... बिना पूरी बात जाने जल्दीबाजी मे कोई फैसला नहीं करना चाहिए...! और.... सबको अपने स्टैन्डर्ड से नहीं परखना चाहिए क्योंकि हो सकता है वो आपकी सोच से ज्यादा बडा हो...! यही हालत आज हमारे सनातन हिन्दू समाज की है....! हमारे सनातन हिन्दू समाज के हर परंपराओं और हर त्योहार बदलते मौसम के अनुसार वैज्ञानिक पद्धति से उसमें एडजेस्ट करने और उससे परेशान होने की जगह उसमें स्वस्थ रहने के लिए बनाए गए हैं...! झाड़ू का सम्मान करने से लेकर तिलक लगाने, हाथ में कलावा बांधने से लेकर सर पर चोटी रखने और मंदिर में घण्टा बजाने तक का वैज्ञानिक आधार मौजूद है. क्योंकि.... हमारे हर त्योहार और परम्पराएं पूर्णतः वैज्ञानिक पद्धति से बनाए गए हैं...! लेकिन.... ज्यादातर लोगों को इसका ज्ञान नहीं है इसीलिए वे इसे सिर्फ महज एक परंपरा मानकर निभाते चले जा रहे हैं...! जबकि.... हमें जरूरत है अपनी हर परंपरा और त्योहारों के वैज्ञानिक आधार को जानने की... ताकि, हम उसे ज्यादा हर्षोउल्लास से मना सकें और अपनी आने वाली पीढ़ी को भी उसकी जानकारी दे सकें...! अगर हम ऐसा नहीं कर पाएंगे तो ....जानकारी के अभाव में... अंग्रेजी स्कूलों में पढ़ने वाले हमारी आगामी पीढ़ी .... आने वाले समय में इसे एक महज अंधविश्वास मानकर इससे किनारा कर लेंगे...! और.... हमारी आने वाली पीढ़ी का हमारे हिन्दू सनातन धर्म से "ब्रेकअप" हो जाएगा . इसीलिए.... मेरी नजर में हमारी जिम्मेदारी बहुत बड़ी है... तथा, हमें उसे निभाने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए...!

एक सुंदर लड़की और गुप्ता जी में अफेयर चल रहा था....!बात शादी तक पहुंचने वाली थी इससे पहले ही ???


एक दिन दोनो पार्क में बैठे हुए थे कि....


लडकी ने पुछा-


क्या तुम्हारे पास मारूति कार है ?
गुप्ता जी - नहीं...!


लडकी - क्या तुम्हारे पास फ्लैट है ?
गुप्ता जी - नहीं...!


लडकी - क्या तुम्हारे पास नौकरी है ?
गुप्ता जी - नहीं...!


और....


फिर.....  ब्रेक अप....!!
इधर....प्रेमिका के इस तरह चले जाने से गुप्ता जी उदास हो गए
और सोचने लगे कि....


जब मेरे पास पाँच-पाँच 
BMW कार हैं ...
तो, मुझे भला मारूति की क्या जरूरत है ?


जब, मेरे पास खुद का इतना बडा बंगला है तो मुझे फ्लैट की क्या जरुरत है ????


और... 


जब, मेरे पास 500 करोड  टर्नओवर का अपना बिजनेस है और 400 लोग मेरे यहाँ नौकरी करते है तो फिर मुझे नौकरी की क्या जरूरत ????


आखिर, वो मुझे क्यों छोड गयी ???


इसीलिए.... बिना पूरी बात 
जाने जल्दीबाजी मे कोई फैसला नहीं करना चाहिए...!


और.... सबको अपने स्टैन्डर्ड से नहीं परखना चाहिए क्योंकि हो सकता है वो आपकी सोच से ज्यादा बडा हो...!


यही हालत आज हमारे सनातन हिन्दू समाज की है....!


हमारे सनातन हिन्दू समाज के हर परंपराओं और हर त्योहार बदलते मौसम के अनुसार वैज्ञानिक पद्धति से उसमें एडजेस्ट करने और उससे परेशान होने की जगह उसमें स्वस्थ रहने के लिए बनाए गए हैं...!


झाड़ू का सम्मान करने से लेकर तिलक लगाने, हाथ में कलावा बांधने से लेकर सर पर चोटी रखने और मंदिर में घण्टा बजाने तक का वैज्ञानिक आधार मौजूद है.


क्योंकि.... हमारे हर त्योहार और परम्पराएं पूर्णतः वैज्ञानिक पद्धति से बनाए गए हैं...!


लेकिन.... ज्यादातर लोगों को इसका ज्ञान नहीं है इसीलिए वे इसे सिर्फ महज एक परंपरा मानकर निभाते चले जा रहे हैं...!


जबकि.... हमें जरूरत है अपनी हर परंपरा और त्योहारों के वैज्ञानिक आधार को जानने की... ताकि, हम उसे ज्यादा हर्षोउल्लास से मना सकें और अपनी आने वाली पीढ़ी को भी उसकी जानकारी दे सकें...!


अगर हम ऐसा नहीं कर पाएंगे तो ....जानकारी के अभाव में... अंग्रेजी स्कूलों में पढ़ने वाले हमारी आगामी पीढ़ी .... आने वाले समय में इसे एक महज अंधविश्वास मानकर इससे किनारा कर लेंगे...!


और.... हमारी आने वाली पीढ़ी का हमारे हिन्दू सनातन धर्म से "ब्रेकअप" हो जाएगा .


इसीलिए.... मेरी नजर में हमारी जिम्मेदारी बहुत बड़ी है... तथा, हमें उसे निभाने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए...!


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<no title>👏एक हिन्दू को इन👇 बातों की जानकारी , जबानी रखनी चाहिए : "श्री मद्-भगवत गीता"के बारे में- ॐ . किसको किसने सुनाई? उ.- श्रीकृष्ण ने अर्जुन को सुनाई। ॐ . कब सुनाई? उ.- आज से लगभग 7 हज़ार साल पहले सुनाई। ॐ. भगवान ने किस दिन गीता सुनाई? उ.- रविवार के दिन। ॐ. कोनसी तिथि को? उ.- एकादशी ॐ. कहा सुनाई? उ.- कुरुक्षेत्र की रणभूमि में। ॐ. कितनी देर में सुनाई? उ.- लगभग 45 मिनट में ॐ. क्यू सुनाई? उ.- कर्त्तव्य से भटके हुए अर्जुन को कर्त्तव्य सिखाने के लिए और आने वाली पीढियों को धर्म-ज्ञान सिखाने के लिए। ॐ. कितने अध्याय है? उ.- कुल 18 अध्याय ॐ. कितने श्लोक है? उ.- 700 श्लोक ॐ. गीता में क्या-क्या बताया गया है? उ.- ज्ञान-भक्ति-कर्म योग मार्गो की विस्तृत व्याख्या की गयी है, इन मार्गो पर चलने से व्यक्ति निश्चित ही परमपद का अधिकारी बन जाता है। ॐ. गीता को अर्जुन के अलावा और किन किन लोगो ने सुना? उ.- धृतराष्ट्र एवं संजय ने ॐ. अर्जुन से पहले गीता का पावन ज्ञान किन्हें मिला था? उ.- भगवान सूर्यदेव को ॐ. गीता की गिनती किन धर्म-ग्रंथो में आती है? उ.- उपनिषदों में ॐ. गीता किस महाग्रंथ का भाग है....? उ.- गीता महाभारत के एक अध्याय शांति-पर्व का एक हिस्सा है। ॐ. गीता का दूसरा नाम क्या है? उ.- गीतोपनिषद ॐ. गीता का सार क्या है? उ.- प्रभु श्रीकृष्ण की शरण लेना ॐ. गीता में किसने कितने श्लोक कहे है? उ.- श्रीकृष्ण जी ने- 574 अर्जुन ने- 85 धृतराष्ट्र ने- 1 संजय ने- 40. अपनी युवा-पीढ़ी को गीता जी के बारे में जानकारी पहुचाने हेतु इसे ज्यादा से ज्यादा शेअर करे। धन्यवाद अधूरा ज्ञान खतरनाक होता है। 33 करोड नहीँ 33 कोटी देवी देवता हैँ हिँदू धर्म मेँ। कोटि = प्रकार। देवभाषा संस्कृत में कोटि के दो अर्थ होते है, कोटि का मतलब प्रकार होता है और एक अर्थ करोड़ भी होता। हिन्दू धर्म का दुष्प्रचार करने के लिए ये बात उडाई गयी की हिन्दुओ के 33 करोड़ देवी देवता हैं और अब तो मुर्ख हिन्दू खुद ही गाते फिरते हैं की हमारे 33 करोड़ देवी देवता हैं... कुल 33 प्रकार के देवी देवता हैँ हिँदू धर्म मे :- 12 प्रकार हैँ आदित्य , धाता, मित, आर्यमा, शक्रा, वरुण, अँश, भाग, विवास्वान, पूष, सविता, तवास्था, और विष्णु...! 8 प्रकार हे :- वासु:, धर, ध्रुव, सोम, अह, अनिल, अनल, प्रत्युष और प्रभाष। 11 प्रकार है :- रुद्र: ,हर,बहुरुप, त्रयँबक, अपराजिता, बृषाकापि, शँभू, कपार्दी, रेवात, मृगव्याध, शर्वा, और कपाली। एवँ दो प्रकार हैँ अश्विनी और कुमार। कुल :- 12+8+11+2=33 कोटी अगर कभी भगवान् के आगे हाथ जोड़ा है तो इस जानकारी को अधिक से अधिक लोगो तक पहुचाएं। । 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 This is very good information for all of us ... जय श्रीकृष्ण ... 🙏.⛳
<no title>मजे में हूँ* घुटने बोलते हैं लड़खड़ाता हूँ छत पर रेलिंग पकड़कर जाता हूँ दाँत कुछ ढीले हो चले रोटी डुबा कर खाता हूँ वो आते नहीं बस फोन पर पूछते हैं कि कैसा हूँ ? बड़ी सादगी से कहता हूँ मजे में हूँ मजे में हूँ । दिखता है सब पर वैसा नहीं दिखता लिखता हूँ सब पर वैसा नहीं लिखता आसमान और आँखों के बीच अब कुछ बादल सा है दिखता पढ़ता हूँ अखबार पर कुछ याद नहीं रहता डॉक्टर के सिवाय किसी और से कुछ नहीं कहता पूछते हैं लोग तबियत बड़ी सादगी से कहता हूँ मजे में हूँ मजे में हूँ । कभी दो रंगी मोजे जूतों में हो जाते हैं कभी बढ़े हुऐ नाखून यकायक चश्मे से किसी महफिल में दिखाई देते हैं फिर अचकचा कर उनको छुपाता हूँ कभी बीस व तीस का अन्तर सुनाई नहीं देता बहुत से काम अब अंदाजे से कर लेता हूँ कोई कभी पूछ लेता है कहाँ हूँ कैसा हूँ हँस कर कह देता हूँ मजे में हूँ मजे में हूँ बीत गया है लंबा सफर पर इंतज़ार बाँकी है हासिल कर ली हैं मंज़िलें पर प्यास अभी बाकी है ख़ुद तो दौड़ सकता नहीं अब अपनों में बाज़ी लगाता हूँ ठहर गयीं हैं यादें पुरानी बातें सुनाता हूँ क्या मज़ा है जिंदगी का उनके जबाब का इंतज़ार अभी बाँकी है ये दिल है कि मानता नहीं अब भी धड़कता वैसे ही है बूढ़ा तो हो चुका है पर मानता नहीं शरीर दुखता हैj पर आँखों की शरारत जारी है इसलिये तो बार बार कहता हूँ मजे में हूँ मजे में हूँ।
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<no title>👏एक हिन्दू को इन👇 बातों की जानकारी , जबानी रखनी चाहिए : "श्री मद्-भगवत गीता"के बारे में- ॐ . किसको किसने सुनाई? उ.- श्रीकृष्ण ने अर्जुन को सुनाई। ॐ . कब सुनाई? उ.- आज से लगभग 7 हज़ार साल पहले सुनाई। ॐ. भगवान ने किस दिन गीता सुनाई? उ.- रविवार के दिन। ॐ. कोनसी तिथि को? उ.- एकादशी ॐ. कहा सुनाई? उ.- कुरुक्षेत्र की रणभूमि में। ॐ. कितनी देर में सुनाई? उ.- लगभग 45 मिनट में ॐ. क्यू सुनाई? उ.- कर्त्तव्य से भटके हुए अर्जुन को कर्त्तव्य सिखाने के लिए और आने वाली पीढियों को धर्म-ज्ञान सिखाने के लिए। ॐ. कितने अध्याय है? उ.- कुल 18 अध्याय ॐ. कितने श्लोक है? उ.- 700 श्लोक ॐ. गीता में क्या-क्या बताया गया है? उ.- ज्ञान-भक्ति-कर्म योग मार्गो की विस्तृत व्याख्या की गयी है, इन मार्गो पर चलने से व्यक्ति निश्चित ही परमपद का अधिकारी बन जाता है। ॐ. गीता को अर्जुन के अलावा और किन किन लोगो ने सुना? उ.- धृतराष्ट्र एवं संजय ने ॐ. अर्जुन से पहले गीता का पावन ज्ञान किन्हें मिला था? उ.- भगवान सूर्यदेव को ॐ. गीता की गिनती किन धर्म-ग्रंथो में आती है? उ.- उपनिषदों में ॐ. गीता किस महाग्रंथ का भाग है....? उ.- गीता महाभारत के एक अध्याय शांति-पर्व का एक हिस्सा है। ॐ. गीता का दूसरा नाम क्या है? उ.- गीतोपनिषद ॐ. गीता का सार क्या है? उ.- प्रभु श्रीकृष्ण की शरण लेना ॐ. गीता में किसने कितने श्लोक कहे है? उ.- श्रीकृष्ण जी ने- 574 अर्जुन ने- 85 धृतराष्ट्र ने- 1 संजय ने- 40. अपनी युवा-पीढ़ी को गीता जी के बारे में जानकारी पहुचाने हेतु इसे ज्यादा से ज्यादा शेअर करे। धन्यवाद अधूरा ज्ञान खतरनाक होता है। 33 करोड नहीँ 33 कोटी देवी देवता हैँ हिँदू धर्म मेँ। कोटि = प्रकार। देवभाषा संस्कृत में कोटि के दो अर्थ होते है, कोटि का मतलब प्रकार होता है और एक अर्थ करोड़ भी होता। हिन्दू धर्म का दुष्प्रचार करने के लिए ये बात उडाई गयी की हिन्दुओ के 33 करोड़ देवी देवता हैं और अब तो मुर्ख हिन्दू खुद ही गाते फिरते हैं की हमारे 33 करोड़ देवी देवता हैं... कुल 33 प्रकार के देवी देवता हैँ हिँदू धर्म मे :- 12 प्रकार हैँ आदित्य , धाता, मित, आर्यमा, शक्रा, वरुण, अँश, भाग, विवास्वान, पूष, सविता, तवास्था, और विष्णु...! 8 प्रकार हे :- वासु:, धर, ध्रुव, सोम, अह, अनिल, अनल, प्रत्युष और प्रभाष। 11 प्रकार है :- रुद्र: ,हर,बहुरुप, त्रयँबक, अपराजिता, बृषाकापि, शँभू, कपार्दी, रेवात, मृगव्याध, शर्वा, और कपाली। एवँ दो प्रकार हैँ अश्विनी और कुमार। कुल :- 12+8+11+2=33 कोटी अगर कभी भगवान् के आगे हाथ जोड़ा है तो इस जानकारी को अधिक से अधिक👏एक हिन्दू को इन👇 बातों की जानकारी , जबानी रखनी चाहिए : "श्री मद्-भगवत गीता"के बारे में- ॐ . किसको किसने सुनाई? उ.- श्रीकृष्ण ने अर्जुन को सुनाई। ॐ . कब सुनाई? उ.- आज से लगभग 7 हज़ार साल पहले सुनाई। ॐ. भगवान ने किस दिन गीता सुनाई? उ.- रविवार के दिन। ॐ. कोनसी तिथि को? उ.- एकादशी ॐ. कहा सुनाई? उ.- कुरुक्षेत्र की रणभूमि में। ॐ. कितनी देर में सुनाई? उ.- लगभग 45 मिनट में ॐ. क्यू सुनाई? उ.- कर्त्तव्य से भटके हुए अर्जुन को कर्त्तव्य सिखाने के लिए और आने वाली पीढियों को धर्म-ज्ञान सिखाने के लिए। ॐ. कितने अध्याय है? उ.- कुल 18 अध्याय ॐ. कितने श्लोक है? उ.- 700 श्लोक ॐ. गीता में क्या-क्या बताया गया है? उ.- ज्ञान-भक्ति-कर्म योग मार्गो की विस्तृत व्याख्या की गयी है, इन मार्गो पर चलने से व्यक्ति निश्चित ही परमपद का अधिकारी बन जाता है। ॐ. गीता को अर्जुन के अलावा और किन किन लोगो ने सुना? उ.- धृतराष्ट्र एवं संजय ने ॐ. अर्जुन से पहले गीता का पावन ज्ञान किन्हें मिला था? उ.- भगवान सूर्यदेव को ॐ. गीता की गिनती किन धर्म-ग्रंथो में आती है? उ.- उपनिषदों में ॐ. गीता किस महाग्रंथ का भाग है....? उ.- गीता महाभारत के एक अध्याय शांति-पर्व का एक हिस्सा है। ॐ. गीता का दूसरा नाम क्या है? उ.- गीतोपनिषद ॐ. गीता का सार क्या है? उ.- प्रभु श्रीकृष्ण की शरण लेना ॐ. गीता में किसने कितने श्लोक कहे है? उ.- श्रीकृष्ण जी ने- 574 अर्जुन ने- 85 धृतराष्ट्र ने- 1 संजय ने- 40. अपनी युवा-पीढ़ी को गीता जी के बारे में जानकारी पहुचाने हेतु इसे ज्यादा से ज्यादा शेअर करे। धन्यवाद अधूरा ज्ञान खतरनाक होता है। 33 करोड नहीँ 33 कोटी देवी देवता हैँ हिँदू धर्म मेँ। कोटि = प्रकार। देवभाषा संस्कृत में कोटि के दो अर्थ होते है, कोटि का मतलब प्रकार होता है और एक अर्थ करोड़ भी होता। हिन्दू धर्म का दुष्प्रचार करने के लिए ये बात उडाई गयी की हिन्दुओ के 33 करोड़ देवी देवता हैं और अब तो मुर्ख हिन्दू खुद ही गाते फिरते हैं की हमारे 33 करोड़ देवी देवता हैं... कुल 33 प्रकार के देवी देवता हैँ हिँदू धर्म मे :- 12 प्रकार हैँ आदित्य , धाता, मित, आर्यमा, शक्रा, वरुण, अँश, भाग, विवास्वान, पूष, सविता, तवास्था, और विष्णु...! 8 प्रकार हे :- वासु:, धर, ध्रुव, सोम, अह, अनिल, अनल, प्रत्युष और प्रभाष। 11 प्रकार है :- रुद्र: ,हर,बहुरुप, त्रयँबक, अपराजिता, बृषाकापि, शँभू, कपार्दी, रेवात, मृगव्याध, शर्वा, और कपाली। एवँ दो प्रकार हैँ अश्विनी और कुमार। कुल :- 12+8+11+2=33 कोटी अगर कभी भगवान् के आगे हाथ जोड़ा है तो इस जानकारी को अधिक से अधिक लोगो तक पहुचाएं। । 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 This is very good information for all of us ... जय श्रीकृष्ण ... 🙏.⛳ लोगो तक पहुचाएं। । 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 This is very good information for all of us ... जय श्रीकृष्ण ... 🙏.⛳